जि जिसने शब्दों से सारा जहां सजाया उसी ने है अपने हाथों से तुझे बनाया कितना बेशकीमती है तू ख़ुदा की नज़रों में और तेरी नज़रों को है ये संसार प्यारा तू यक़ीनन बेखबर है अपने वजूद से और उस ख़ुदा से जिसने है तुझे जन्माया छोड़ दे ये दुनिया और दुनियां की बातें तुझमें तो रूह बसती है उस ख़ुदा की तू तो है ख़ुदा का नायाब तोहफ़ा । ऐ ख़ुदा के बेखबर बंदे क्यूं तू चांद सितारों में अपना अक्स खोजता तू तो है अनमोल रत्न ख़ुदा का क्यूं तू सोने चांदी से अपने आप को तौलता ज़रा देख तू नज़रों से ख़ुदा के दिया सारी सृष्टि पर अधिकार तुझे फिर भी क्यूं बेखबर बनकर हो जाता है संसार के अधीन में जिसने अपने प्राणों को देकर है तुझे छुड़ाया उसका कर ले मनन तू एक बार उठ जाग और जान कि, है अनंत जीवन तेरा फिर क्यूं तू अपने को उस फंदे में फंसाता तू तो है ख़ुदा का नायाब तोहफ़ा । Jisane Shabdon Se Saara Jahaan Sajaaya Usee Ne Hai Apane Haathon Se Tujhe Banaaya Kitana Beshakeematee Hai Too Khuda Kee Nazaron Mein Aur Teree Nazaron...